पारद शिवलिंग NO FURTHER A MYSTERY

पारद शिवलिंग No Further a Mystery

पारद शिवलिंग No Further a Mystery

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Not merely thanks in addition to obeying and seluting dhumra gems for furnishing worlds very best ashta sanskarith parad shivling.no-one can offer these kinds of unique ashta sanskarith parad as provided by dhumra jems.

The worship in the Shivling can also be viewed as a means of attaining internal peace, harmony, and enlightenment.

Dress in the mercury until the suffering is completely long gone If you're suffering from body soreness, making certain that it contacts the impacted space. Another technique of discomfort aid involves soaking a mercury ball in ghee or oil for twenty-four hrs, then massaging the painful region Using the cooled ghee or oil.

पुराणों में बताया गया है कि इस शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड का ज्ञान होता है।

Ans. The shape on the Shivling, often cylindrical or elliptical, symbolizes the cosmic axis or axis mundi, representing the center from the universe along with the connection involving the earthly realm along with the divine.

past week I gained the Parad Shivling, I had been looking ahead to Monday to try and do the shivling pooja. I followed the procedure as informed from the reserve recieved With all the products.

Men and women often execute many cures to tranquil the planets, but worshipping Parad Shivling wards from the sick outcomes of all planets and neutralizes them.

पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात् भगवान शिव का ही रूप है, इसलिए इसकी पूजा विधि-विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है और हर मनोकामना पूरी होती है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है।

पारद एक ऐसा शुद्ध पदार्थ माना गया है जो भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। इसकी महिमा केवल शिवलिंग से ही नहीं बल्कि पारद के कई और अचूक प्रयोगों के द्वारा भी मानी गयी है।

पारे के बारे में तो प्राय: आप सभी जानते होंगे कि पारा ही एकमात्र ऐसी धातु है, जो सामान्य स्थिति में भी द्रव रूप में रहता है। मानव शरीर के ताप को नापने के यं‍त्र तापमापी अर्थात थर्मामीटर में जो चमकता हुआ पदार्थ दिखाई देता है, वही पारा धातु होता है। पारद शिवलिंग इसी पारे से निर्मित होते हैं। पारे को विशेष प्रक्रियाओं द्वारा शोधित किया जाता है जिससे वह ठोस बन जाता है फिर तत्काल उसके शिवलिंग बना लिए जाते हैं। 

It develops thoughts energy to attain powerful will and that is very good for expansion of check here both of those Actual physical overall health and mind. Parad shivling Gains worship will harmonise the associations between the many members of the family. Parad is viewed as the sperm (seed) of Lord Shiva.It is said in Brahma Purana that who worships Mercury Shivling devotedly will get complete wordly pleasures, and finally attains supreme location (salvation).

असली पारद शिवलिंग की पहचान करना बहुत ही सरल है। इसे यदि हथेली पे घिसा जाये तो यह काली कालिख हाथ पे नहीं छोड़ता है। देखा गया है की अगर पारद शिवलिंग असली है तो यह पानी से भीगने के बाद धूप में रख देने से शुद्ध सोने की तरह चमकने लगता।

इस शिवलिंग की स्थापना आप सोमवार या चंद्र के किसी भी नक्षत्र यानि रोहिणी, हस्त या श्रवण नक्षत्र में कर सकते हैं।

पुराणों के अनुसार पारद शिवलिंग का महत्व

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